देश के लोगों को जीवन जीने की कला सिखाने के लिए
युग ऋषि पंo श्री राम शर्मा आचार्य ने जीवन – मन्त्र दिए | ‘मनुष्य में देवत्व का
उदय और धरती पर स्वर्ग के अवतरण’ के लक्ष्य को सामने रख कर उन्होंने न केवल सामान्य
व्यक्ति की समझ में आने वाले साहित्य का लेखन किया, बल्कि लोगों को मेहनत और सेवा
का पाठ सिखाने के लिए शांतिकुंज आश्रम में लोगों को प्रशिक्षित किया | उनके द्वारा
दिए गए अनमोल सूत्रों में से एक है हर दिन नया जन्म हर रात नयी मौत यानि की अपने
जीवन के हर पल की कीमत को समझते हुए उसका सदुपयोग करना | हर दिन ऐसे जीवन जीना,
जैसे नया जन्म मिल गया हो और रात्रि में निद्रा की गोद में ऐसे प्रवेश करना, जैसे
उस जीवन का अन्त हो गया हो | इसके साथ ही यह आत्मसमीक्षा(self analysis) भी ज़रूरी
है कि हमसे आज के दिन जो भूलें एवं गलतियाँ हुई हों, भगवान उन्हें क्षमा करें |
अगले दिन भगवान को अपने नए जन्म के लिए धन्यवाद,
उनसे आशीर्वाद एवं मार्ग दर्शक के रूप में प्रार्थना करें |
इस छोटे से जीवन सूत्र को व्यक्ति यदि अपने
व्यावहारिक जीवन(practical life) में अपना लें तो उसके जीवन में सकरात्मक परिवर्तन
की शुरुआत हो सकती है और वह अपने वर्तमान जीवन को अच्छे ढंग से जीना सीख सकता है |